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वैदिक उपाय जो आप के व्यस्त और नीरस जीवन में खुशाली ला देगे….

KAUSHAL PANDEY
KAUSHAL PANDEY
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वैदिक उपाय जो आप के व्यस्त और नीरस जीवन में खुशाली ला देगे….

कुंडली में अगर निम्न गृह अशुभ है तो निम्न बीमारी देंगे अपनी महादशा या अंतर दशा में

सूर्य : मुँह में बार-बार थूक इकट्ठा होना, झाग निकलना, धड़कन का अनियंत्रित होना, शारीरिक कमजोरी और रक्त चाप।
चंद्र : दिल और आँख की कमजोरी।
.मंगल : रक्त और पेट संबंधी बीमारी, नासूर, जिगर, पित्त आमाशय, भगंदर और फोड़े होना।
बुध : चेचक, नाड़ियों की कमजोरी, जीभ और दाँत का रोग।
बृहस्पति : पेट की गैस और फेफड़े की बीमारियाँ।
शुक्र : त्वचा, दाद, खुजली का रोग।
शनि : नेत्र रोग और खाँसी की बीमारी।
राहु : बुखार, दिमागी की खराबियाँ, अचानक चोट, दुर्घटना आदि।
केतु : रीढ़, जोड़ों का दर्द, शुगर, कान, स्वप्न दोष, हार्निया, गुप्तांग संबंधी रोग आदि।

अशुभ ग्रहों का उपाय किस प्रकार से करे…

1. सूर्य : बहते पानी में गुड़ बहाएँ। सूर्य को जल दे, पिता की सेवा करे या गेहूँ और तांबे का बर्तन दान करें.,
2. चंद्र : किसी मंदिर में कुछ दिन कच्चा दूध और चावल रखें या खीर-बर्फी का दान करें, या माता की सेवा करे, या दूध या पानी से भरा बर्तन रात को सिरहाने रखें. सुबह उस दुध या पानी से किसी कांटेदार पेड़ की जड़ में डाले या चन्द्र के लिए चावल, दुध एवं चान्दी के वस्तुएं दान करें.
3. मंगल : बहते पानी में तिल और गुड़ से बनी रेवाडि़यां प्रवाहित करे.या बरगद के वृक्ष की जड़ में मीठा कच्चा दूध 43 दिन लगातार डालें। उस दूध से भिगी मिट्टी का तिलक लगाएँ। या ८ मंगलवार को बंदरो को भुना हुआ गुड और चने खिलाये , या बड़े भाई बहन के सेवा करे, मंगल के लिए साबुत, मसूर की दाल दान करें
4. बुध : ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में बहाएँ। फिटकरी से दन्त साफ करे, अपना आचरण ठीक रखे ,बुध के लिए साबुत मूंग का दान करें., माँ दुर्गा की आराधना करें .
5. बृहस्पति : केसर का तिलक रोजाना लगाएँ या कुछ मात्रा में केसर खाएँ और नाभि या जीभ पर लगाएं या बृ्हस्पति के लिए चने की दाल या पिली वस्तु दान करें.
6. शुक्र : गाय की सेवा करें और घर तथा शरीर को साफ-सुथरा रखें, या काली गाय को हरा चारा डाले .शुक्र के लिए दही, घी, कपूर आदि का दान करें.
7. शनि : बहते पानी में रोजाना नारियल बहाएँ। शनि के दिन पीपल पर तेल का दिया जलाये ,या किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना क्षाया देखें और बर्तन तेल के साथ दान करे. क्योंकि शनि देव तेल के दान से अधिक प्रसन्ना होते है, या हनुमान जी की पूजा करे और बजरंग बाण का पथ करे, शनि के लिए काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु का दान करें.
8. राहु : जौ या मूली या काली सरसों का दान करें या अपने सिरहाने रख कर अगले दिन बहते हुए पानी में बहाए ,
9. केतु : मिट्टी के बने तंदूर में मीठी रोटी बनाकर 43 दिन कुत्तों को खिलाएँ या सवा किलो आटे को भुनकर उसमे गुड का चुरा मिला दे और ४३ दिन तक लगातार चींटियों को डाले, या कला सफ़ेद कम्बल कोढियों को दान करें या आर्थिक नुकासन से बचने के लिए रोज कौओं को रोटी खिलाएं. या काला तिल दान करे,

अपना कर्म ठीक रखे तभी भाग्य आप का साथ देगा और कर्म कैसे ठीक होगा इसके लिए आप ..
मन्दिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं.,
माता-पिता और गुरु जानो का सम्मान करे ,
अपने धर्मं का पालन करे,
भाई बन्धुओं से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखें.,
पितरो का श्राद्ध करें. या प्रत्येक अमावस को पितरो के निमित्त मंदिर में दान करे,
गाय और कुत्ता पालें, यदि किसी कारणवश कुत्ता मर जाए तो दोबारा कुत्ता पालें. अगर घर में ना पाल सके तो बाहर ही उसकी सेवा करे,
यदि सन्तान बाधा हो तो कुत्तों को रोटी खिलाने से घर में बड़ो के आशीर्वाद लेने से और उनकी सेवा करने से सन्तान सुख की प्राप्ति होगी .
गौ ग्रास. रोज भोजन करते समय परोसी गयी थाली में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्ते को एवं एक हिस्सा कौए को खिलाएं आप के घर में हमेसा बरक्कत रहेगी,
एक समय में केवल एक ही उपाय करें.उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
यदि किसी करणवश नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें., यदि कोइ उपाय नहीं कर सकता तो खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता है.
आप की कुंडली आप के जीवन में प्रकाश ला सकती है , अगर आप का जन्म टाइम , जन्म स्थान और जन्म स्थान आप को पता है तो आप किसी भी विद्वान से अपनी कुंडली के बारे में गड़ना जरुर कराएँ … जन्मपत्रिका की गड़ना करना १ प्रकार की कला है जो इश्वर ने किसी किसी को प्रदान किया हुआ है , आज कल तो इसे कमाए का जरिया बना रखा है , कई ज्योतिषी रोज सुबह राशियों के बारे में बताते नजर आयेगे …. जो जनता को गुमराह कर रहे है …. जरा आप भी सोचे राशिय सिर्फ १२ प्रकार की होती है और १ ही दिन में १ ही समय में विश्व में कितने प्राणी जन्म लेते है , और १ ही राशी के लाखो इन्शान होते है क्या सभी के फल सामान ही होंगे कभी नहीं होंगे , इसलिए राशियों के चक्कर में न पड़े…… केवल अपनी जन्म पत्रिका के अनुसार कार्य करने से जीवन में प्रायः सफलता मिलती है…. कर्मो के अनुसार अच्छे – बुरे फल मिलते है….. जन्म पत्रिका से अनेक लाभ है … जो इस प्रकार से है कुंडली में १२ भाव होते है प्रत्येक भाव का अपना फल है जैसे ( तन, कोष , सहोदर. मातु , सुता , रिपु, नारी और मृत्यु बतावत है , भाग्य और सर्विश लाभ और हानी ये बारह भाव कहावत है ). जो आपके जीवन को साथर्क बना सकते है….. जैसे —- १-आपके जीवन में कौन कौन सी परेशानियां हैं, और कब आएगी…? , शरीर क्यों और कब साथ नहीं देता इसका पता होना चाहिए।…? इन्शान के अन्दर सभी गुण होते हुए भी वो आखिर लाचार क्यों रहता है ….? २- धन – सम्पति सम्बंधित जानकारी …? ३- आपकी कुण्डली में कहीं दोष तो नहीं जो आपके भाई बहन के साथ सम्बन्ध खराब कर दे और साझेदारी या व्यापर करने में आप को आपर में कलह करना पड़े.,…? ४- मकान , वाहन, जमीन-जायदाद लेने के बाद या अचानक काम में नुक्सान या लेने के बाद भी सुख- सुविधावो में कमी या आपके घर में क्लेश क्यों रहता है ? ५. किस विषय को चुने जो आप को नई उचाई पर ले जायेगा…? साथ ही संतान के बारे में जाने की हमारे बच्चे दुख का कारण तो नही बन रहें हैं और आगे साथ देगे भी या नहीं …..? ६- आपके जीवन में कौन सा बुरा वक्त कब और कैसे आएगा , कहीं आपके मित्र ही शत्रु न बन जाये , या आप का अपना ही शारीर आप का साथ न छोड़ दे .. दुर्घटना या बिमारी कैसे आ सकती है, कहीं ऐसा तो नहीं कि जिसके लिए आपने अपना पूरा जीवन अच्छा करें वही आपको धोखा दें .?, ७- आपकी कुण्डली में शादी के बाद जीवन साथी का सुख है या नहीं और होगा भी तो कब होगी , प्रेम विवाह करने के बाद भी तलाक की मुशीबत न आये …? ८- विदेश यात्रा … कुंडली में जन्म स्थान से दूर जाने को ही विदेशा यात्रा कहते है ,,,,? अकस्मात दुर्घटना कही आप की जीवन में तो नहीं होगी….? ९- आप का भाग्य आप का साथ देगा या नहीं , कही आप अपना कीमती समय बस यूँ ही मौज मस्ती में गुजार रहे है, आपको बहुत ज्यादा सफलता क्यों नही मिलती या कब मिलेगी ?….? १०- व्यापर करे तो कौन सा करें , पिता से कितना सहयोग मिलेगा , पैत्रिक सम्पति मिलेगी या नहीं ,.. ११- जीवन में लाभ होगा या नहीं और होगा भी तो कब होगा और कैसे या हमारे बड़े भाई – बहन या सगे सम्बन्धी साथ देगे या नहीं , ..? १२ भाव हमें हानी के बारे में बताता है जैसे किस कार्य को करे जिससे हमें हानी न हो या कही आपका बिज़नस पार्टनर ही आप को नुकसान न पहुंचा दे , या जिसे आप अपना समझते है वो सिर्फ आप की दौलत से प्यार करते है …..
( ज्योतिस – वास्तु -रत्ना से सम्बंधित मिले या लिखे )

संपर्क करे … पंडित कौशल पण्डे
शिव शक्ति मंदिर, ब्लाक – सी- १०,
यमुना विहार, दिल्ली -५३
फ़ोन – ०९९६८५५०००३, ०९३१०१३४७७३

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